न्याय व्यवस्था में वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है: जिला जज | रायबरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संपन्न
न्याय व्यवस्था में वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है: जिला जजरायबरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन संपन्न
ब्यूरो रिपोर्टः राजन प्रजापति
रायबरेली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी परिसर रायबरेली में किया गया। आपको बता दें इस कार्यक्रम का उद्धाटन तरुण सक्सेना माननीय अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश के द्वारा दीप प्रज्जवलन व देवी सरस्वती के चित्र पर पुष्प चढ़ा करके किया गया। जिला जज द्वारा उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि न्याय व्यवस्था में वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है। वादकारियों के मध्य सुलह-समझौते के आधार पर लम्बित मामलों को निपटाने व आमजन को सुलभ व सुगम न्याय उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला जज उमाशंकर कहार ने बताया की राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख अठ्ठाइस हजार से अधिक मुकदमे निस्तारित किये गये। बैंको व फाइनेन्स कम्पनियों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर मामले निस्तारित कराये गये तथा मौके पर ही समझौते कराये गये। इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मामले तथा वैवाहिक विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों का सुलह-समझौता कराकर वापस भेजा गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व हेल्प डेस्क बनाये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले सभी व्यक्तियों के हैण्ड सैनिटाइजेशन व मास्क की व्यवस्था की गयी थी। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश-कुटुम्ब न्यायालय सत्य प्रकाश त्रिपाठी, चेयरमैन-मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण महेन्द्र नाथ, अपर प्रधान न्यायाधीश चन्द्रमणि मिश्रा, अपर जनपद न्यायाधीश-प्रथम सतीश कुमार त्रिपाठी, विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट त्रिपुरारी मिश्रा, अपर जिला जज विद्याभूषण पाण्डेय (नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार सिंह व अन्य न्यायिक अधिकारीगण व विभिन्न बैंक के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।