6.69 लाख रुपये का फर्जी भुगतान करना ग्राम पंचायत अधिकारी को पड़ा भारी, निलंबित

6.69 लाख रुपये का फर्जी भुगतान करना ग्राम पंचायत अधिकारी को पड़ा भारी, निलंबित
6.69 लाख रुपये का फर्जी भुगतान करना ग्राम पंचायत अधिकारी को पड़ा भारी, निलंबित

ब्यूरो रिपोर्ट, राजन प्रजापति 

रायबरेली। फर्जी भुगतान करना ग्राम पंचायत अधिकारी को भारी पड़ गया। सतांव ब्लॉक की कोंसा ग्राम पंचायत में तबादले के बाद 6.69 लाख रुपये के भुगतान में फंसे ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। प्रथम दृष्टया जांच में भुगतान से संबंधित कार्यों के दस्तावेज नहीं मिले जिसके बाद कार्यवाही हो गई। वहीं धनराशि की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।

सतांव ब्लॉक के पूरे कालीबख्श सिंह गांव निवासी राम लखन सिंह व अन्य ग्रामीणों की शिकायत पर एडीओ पंचायत वीरेंद्र कुमार ने जांच की। इसमें पाया गया कि ग्राम पंचायत अधिकारी आलोक शुक्ल का तबादला दूसरी ग्राम पंचायतों के लिए बीती सात फरवरी को कर दिया गया। स्थानांतरण के बाद 10 व 11 फरवरी को कई बार में 6,79,924 रुपये का भुगतान दो फर्मों के नाम कर दिया गया। हैंडपंप मरम्मत, रिबोर, ह्यूम पाइप की खरीदारी आदि के लिए भुगतान कर दिया गया था।

जांच में यह भी पाया गया कि भुगतान तो कर दिया गया, लेकिन कार्यों के अभिलेख तैयार नहीं किए गए। सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए यह खेल किया गया। डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत अधिकारी आलोक शुक्ला को निलंबित करके अपने कार्यालय से संबद्ध कर लिया है। जनपद में लगातार एक के बाद एक कारनामें उजागर हो रहे है उसके बाद भी भ्रष्टाचार करने का खेल बंद नहीं हो रहा है।