कार्यवाही: गोल्डन कार्ड समीक्षा ग्रुप से लेफ्ट हो गयी आशा कार्यकत्री, आशापुत्र बोला" नही चला पाएगीं ग्रुप"
अधीक्षक ने एक माह का रोका मानदेय, मचा हड़कंप
ब्यूरो रिपोर्टः राजन प्रजापति
महराजगंज रायबरेली। उच्चीकृत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र महराजगंज क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत एक आशा कार्यकत्री द्वारा शासन के निर्देशों का उल्लंघन करते हुऐ गोल्डन कार्ड बनाने की समीक्षा हेतू बनाएं गए एक ग्रुप से लेफ्ट होकर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। इतना नही नही फोन करने पर आशापुत्र ने फोन उठाया और अकड़ते हुए बोला "नही चलाएंगे ग्रुप" इस पर अधीक्षक डॉ एस पी सिंह ने मामले को संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से आशा का एक माह का मानदेय रोक दिया गया है। जिससे आशाओं में हड़कंप मच गया। शासन की प्रमुखताओं वाले आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाने में तेजी लाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को सौंप दी गई है। इसी के तहत गोल्डन कार्ड की समीक्षा हेतु मुख्य रूप से एक ग्रुप बनाया गया है, जिसमें नगर पंचायत, कोटेदार, पंचायत सहायक, स्वास्थ्य विभाग तथा आशा और एएनएम समेत 200 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप के माध्यम से क्षेत्र में गोल्डन कार्ड बनाने हेतु काम कर रहे लोगों की समीक्षा की जाती है। उनका लोकेशन लिया जाता है। यदि कार्य लेट हो रहा है तो उनकी गतिविधियों में तेजी लाने के लिए इसी ग्रुप के माध्यम से उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं। अधीक्षक ने बताया कि हसनपुर गांव की रहने वाली आशा कार्यकत्री शिवरती मौर्या ने शासन के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए ग्रुप से लेफ्ट हो गई है। इतना ही कोई संवेदना भी नही ब्यक्त की। अतः इनका एक माह का मानदेय रोक दिया गया है।
आपको यह भी बता दे कि शासन के प्रमुखताओं वाले आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आशाओं को प्रतिदिन 10 कार्ड बनाने हेतु जिम्मेदारी दी गई है इसके लिए उन्हें प्रति कार्ड ₹3 प्रोत्साहन के रूप में भी प्रदान किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सीएचसी महराजगंज क्षेत्र में 77 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें अभी तक 33.12% (28000 लोगों के गोल्डन कार्ड) बनाए गए हैं। लापरवाह कर्मियों के चलते ब्लॉक महराजगंज दो दिनों से गोल्डन कार्ड की प्रगति में पूरे जिले सबसे नीचे चल रहा है।