कस्बा महराजगंज: सुविधा के साथ जान के दुश्मन बने ई-रिक्शा, प्रशासन बना अनजान | प्रमुख मार्गों और चौराहों पर हर जगह ई-रिक्शा व ऑटो का कब्जा, बढ़ी जाम की समस्या

कस्बा महराजगंज: सुविधा के साथ जान के दुश्मन बने ई-रिक्शा, प्रशासन बना अनजान | प्रमुख मार्गों और चौराहों पर हर जगह ई-रिक्शा व ऑटो का कब्जा, बढ़ी जाम की समस्या
कस्बा महराजगंज: सुविधा के साथ जान के दुश्मन बने ई-रिक्शा, प्रशासन बना अनजान
प्रमुख मार्गों और चौराहों पर हर जगह ई-रिक्शा व ऑटो का कब्जा, बढ़ी जाम की समस्या

ब्यूरो रिपोर्टः राजन प्रजापति

महराजगंज रायबरेली। सड़कों पर बेतरतीब दौड़ रहे ऑटो व ई-रिक्शा हादसे का सबब बने हुए हैं। आपको बता दें सवारियां ढोने वाले इन वाहनों से सामान लादकर सड़कों पर फर्राटा भरा जा रहा है। प्रशासन इससे पूरी तरह अनजान बना हुआ है। ई-रिक्शा, ऑटो में अधिकतम चार सवारियां बैठना मान्य हैं, लेकिन इनमें क्षमता से दोगुनी सवारियां और भारी सामान ढोया जा रहा है।
इससे इन वाहनों के असंतुलित होने से हादसे का खतरा बना रहता है। वहीं आगे व पीछे चलने वाले दो पहिया वाहनों को खतरा रहता है। यहां पर रोजाना आसानी से देखा जा सकता है नाबालिग कम उम्र के लड़के ई-रिक्शा चलाते नजर आयेंगे जिसको देखने सुनने वाला कोई नहीं है। दो पहिया व चार पहिया वाहनों की चेकिंग के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो व ई-रिक्शा चालकों पर इसका कोई असर नहीं है।
प्रमुख मार्गों और चौराहों पर हर जगह ई-रिक्शा व ऑटो का कब्जा नजर आता है। जिसके कारण दिन भर जगह-जगह जाम लगा रहता है। ये तो सवारी व भाड़ा लेने के चक्कर में कहीं भी रुक जाते हैं। नियम और कानून को ताक पर रखकर फर्राटा भर रहे हैं। कई ई-रिक्शा चालक कस्बा से लेकर गांव तक मालवाहन का काम कर रहे है। कुछ साल पहले तक कस्बा महराजगंज में ऑटो और ई-रिक्शा न के बराबर थे, लेकिन कुछ ही समय में इनकी संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। नतीजा यह हुआ कि कस्बा के अंदर चौराहों, प्रमुख सड़कों पर भी इनकी बेतरतीब पार्किंग से जाम लगता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। यही नहीं किशोर भी ऑटो व ई-रिक्शा चलाते नजर आ जाते हैं जो सभी के लिए परेशानी का सबब बना है।
सड़क पर जो ऑटो व ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं, उनके लिए न तो कोई नियम है और न कानून। इसी के चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं। अवैध पार्किंग को लेकर आय दिन वाद विवाद होता रहता है लड़ाई झगड़ा व मुकदमा बाजी आम बात हो गई है जिसके बाद भी जिम्मेदार अनजान बनें हुए है।